एक वक़्त था ।
नेता शब्द सोचते ही
गाँधी,सुभाष,नेहरू,कलाम
याद आते थे.
सिर झुक जाता था ,श्रद्धा से।
आज वक़्त है,
नेता शब्द सोचते ही
मुख्तार,लालू,अमरमणि,शाहबुद्दीन
याद आते हैं.
सिर झुकता है,आज भी
पर,शर्म से.
सच,वक़्त बदल गया है,
बदल गया है,नेता का अर्थ भी
नेता का नाम,सम्मान से नही
अब ,गाली देकर लेने का
मन करता है,
मन करता है बुलाऊ गाँधी को
एक बार फिर धरती पर,
देखें अपनी आँखों से
क्या यही है,
उनके सपनों का भारत ?
Wednesday, November 21, 2007
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