हिन्दू धर्म में हो रहे जातीय उत्पीड़न से परेशान दलितों ने धर्म परिवर्तन किया.कुछ मुसलमान बन गये तो कुछ ईसाई.धर्म परिवर्तन करते ही उनका उत्पीड़न समाप्त हो गया और दलित होने का ठप्पा भी.अब तो सब सुख ही सुख होना ही चाहिये. ‘दुःख भरे दिन बीते रे भैया अब सुख आयो रे’ गाना गाते हुए उन्हें नित्य आनंद मग्न होना चाहिये.
लेकिन यह क्या हो रहा है?दलित ईसाई,दलित मुसलामानों को आरक्षण का शोर मचने लगा है.आखिर क्यों?धर्म परिवर्तन के बाद जब उनके सारे दुःख-दर्द दूर होने का दावा हो रहा था,फिर आरक्षण की क्या जरूरत?मतलब ,क्या उनके दुःख-दर्द दूर नहीं हुए.मुसलमान,ईसाईयों में भी जातिवाद हावी है?क्या अंतर पड़ा धर्म परिवर्तन का?ऐसे,कई प्रश्न क्या हमें आपको विचलित करने के लिए काफी नहीं हैं…
धर्म परिवर्तन के बाद आरक्षण माँगना बेहयायी और आरक्षण देना हिन्दू समाज के दलितों के साथ अन्याय ही होगा.देश के दलितों को अधिकार है,कि वह अपने साथ हुए अन्याय का मुआवजा समाज से मांगें और लें.लकिन जो दलित मुखोटा उतार कर मुसलमान या इसाई बन चुके हैं,उन्हें समाज से मुआवजा पाने का कोई अधिकार नहीं,क्यों कि वह भेदभाव रहित धर्मों की शरण में जा चुके हैं.आप भी शायद मेरे विचारों से सहमत होंगे! मैं गलत तो नहीं कह रहा हूं?
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Saturday, January 12, 2008
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2 comments:
is desh me jb dlit nhi rhega to bhi dharm privrtan hoga dlit hi nhi aggarwal bhi isai or muslman bn rhe hai hindu dhrm duniya ka ik matr bhgwan dwara chlaya jane wala dhrm hai baki sab ko dlal hi chla rhe hai to aap dre nhi logo ke mal pr siksha le bad me sab bapis hindu hi bn jate hai
is desh me jb dlit nhi rhega to bhi dharm privrtan hoga dlit hi nhi aggarwal bhi isai or muslman bn rhe hai hindu dhrm duniya ka ik matr bhgwan dwara chlaya jane wala dhrm hai baki sab ko dlal hi chla rhe hai to aap dre nhi logo ke mal pr siksha le bad me sab bapis hindu hi bn jate hai
PRAHLAD KUMAR AGGARWAL
B 58/149 GURUNANAK PURA LAXMI NAGAR DELHI
110092 PH 911099737
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